लाल किताब के अनुसार सूर्य का सभी 12 भावों में प्रभाव और उनके उपाय निम्नलिखित हैं। सूर्य को अधिकार, जीवन शक्ति, पिता, सरकार और आत्म-सम्मान का प्रतीक माना जाता है। प्रत्येक भाव में इसकी स्थिति के सकारात्मक (शुभ) और नकारात्मक (अशुभ) प्रभाव होते हैं, साथ ही अशुभ प्रभावों को कम करने के लिए विशेष उपाय भी दिए गए हैं। नीचे इसका विस्तृत विवरण हिंदी में दिया जा रहा है:
सूर्य प्रथम भाव मेंप्रभाव:शुभ: ईमानदार, आत्मनिर्भर, समृद्ध और पिता का सम्मान करने वाला। अपनी मेहनत से उन्नति और मान-सम्मान।अशुभ: स्वास्थ्य समस्याएं, जीवन में बाधाएं, पिता की जल्दी मृत्यु या संतान से परेशानी। यदि शुक्र 7वें भाव में हो तो दिन में शारीरिक संबंध पत्नी के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
उपाय:24 साल की उम्र से पहले शादी करें।दिन में गुड़ या लाल मिठाई न खाएं (सूर्यास्त के बाद खा सकते हैं)।बिस्तर के चारों पैरों में तांबे की कील ठोकें।अच्छा आचरण रखें और दिन में शारीरिक संबंधों से बचें।
सूर्य द्वितीय भाव मेंप्रभाव:शुभ: कुशल, समृद्ध और सम्मानित। मामा या ससुराल से लाभ।अशुभ: आर्थिक परेशानी, स्वास्थ्य समस्याएं, पत्नी या मौसी को कष्ट। यदि मंगल 8वें भाव में हो तो लालच बढ़ सकता है।
उपाय:नारियल, सरसों का तेल और बादाम किसी धार्मिक स्थान पर दान करें।दान में चावल, चांदी या दूध न लें।परिवार के बुजुर्गों का आशीर्वाद लें और संपत्ति विवाद से बचें।
सूर्य तृतीय भाव मेंप्रभाव:शुभ: धनवान, आत्मनिर्भर, छोटे भाई-बहनों का सुख और ज्योतिष या गणित में रुचि।अशुभ: परिवार में गरीबी, पड़ोसियों को नुकसान (यदि पहला भाव खराब हो), या भाई-बहनों से तनाव।
उपाय:मां की सेवा करें और उनका आशीर्वाद लें।चावल या दूध बांटें।अच्छा व्यवहार रखें और बुरे कर्मों से बचें
।सूर्य चतुर्थ भाव मेंप्रभाव:शुभ: बुद्धिमान, दयालु, अच्छा प्रशासक और स्थिर आय। सोना-चांदी का व्यापार लाभकारी यदि गुरु या बुध मजबूत हों।अशुभ: लालच, चोरी की प्रवृत्ति, या रतौंधी जैसी समस्या (यदि शनि 7वें में हो)। मंगल 10वें में हो तो आंखों की समस्या।
उपाय:जरूरतमंदों को भोजन या दान दें।लोहे या लकड़ी के व्यापार से बचें; सोना, चांदी या कपड़े का व्यापार करें।विनम्र रहें और झगड़े से बचें।
सूर्य पंचम भाव मेंप्रभाव:शुभ: परिवार और संतान के लिए समृद्धि। शाही जीवन यदि मंगल 1 या 8 में और राहु/केतु 9/12 में हों।अशुभ: जिद से प्रगति में रुकावट। संतान या परिवार को कष्ट यदि अशुभ ग्रह प्रभावी हों।
उपाय:घर में पूर्व या उत्तर दिशा में खिड़की बनाएं।निस्वार्थ भाव से दूसरों की मदद करें।बंदरों को गुड़ और चीटियों को शक्कर खिलाएं।
सूर्य षष्ठम भाव मेंप्रभाव:शुभ: शत्रुओं पर विजय, अच्छा स्वास्थ्य और पिता के रिश्तेदारों से सहयोग।अशुभ: उच्च रक्तचाप (यदि बुध 12वें में हो), दादा-दादी को कष्ट, या पुत्र को परेशानी (यदि मंगल 10वें में हो)
।उपाय:रात के खाने के बाद रसोई की आग को दूध से बुझाएं।मंदिर में कुत्तों को रोटी खिलाएं।गंगा जल घर में रखें और हिंदू परंपराओं का पालन करें।सूर्य सप्तम भाव मेंप्रभाव:शुभ: सरकारी उच्च पद की संभावना यदि गुरु, चंद्र या मंगल 2रे भाव में हों।अशुभ: सरकारी विवाद, रोग, पारिवारिक कष्ट या चर्म रोग (यदि मंगल/शनि 2/12 में और चंद्र 1 में हो)
।उपाय:काम शुरू करने से पहले मीठा और पानी लें।नमक कम खाएं।बिना सींग वाली या काली गाय की सेवा करें (सफेद गाय से बचें)।खाने से पहले रोटी का टुकड़ा आग में डालें।
सूर्य अष्टम भाव मेंप्रभाव:शुभ: लंबी आयु, संकट से रक्षा और व्यापार में लाभ।अशुभ: अधीरता, गुस्सा, या आर्थिक संकट यदि बुध 2रे में हो।उपाय:दक्षिणमुखी घर से बचें।गाय (सफेद नहीं) की सेवा करें और भाइयों से अच्छे संबंध रखें।थोड़ा गुड़ खाकर पानी पिएं।बेईमानी, चोरी या अवैध संबंधों से बचें।
सूर्य नवम भाव मेंप्रभाव:शुभ: कुशल हाथ (उपचार करने की क्षमता), सुखी परिवार और 34 साल बाद भाग्योदय यदि बुध 5वें में हो।अशुभ: दूसरों पर संदेह, सरकारी सहायता न मिलना (यदि 4था खाली हो), या भाइयों से विरोध।उपाय:43 दिनों तक रोज नदी में तांबे का सिक्का डालें।मांस, शराब और नीले/काले कपड़ों से बचें।चांदी की वस्तुएं दान करें।सूर्य दशम भाव मेंप्रभाव:शुभ: लंबा, समृद्ध जीवन, मजबूत पारिवारिक रिश्ते और सरकारी लाभ।अशुभ: पिता को स्वास्थ्य समस्या, आलस्य, या भाइयों से तनाव।उपाय:चांदी का दान न लें।सक्रिय रहें और आलस्य से बचें।घर में पीतल के बर्तन रखें।
सूर्य एकादश भाव मेंप्रभाव:शुभ: आय में वृद्धि, समृद्धि और सम्मान यदि मांस/शराब से परहेज करें।अशुभ: दूसरों पर निर्भरता से परेशानी; शनि के नकारात्मक प्रभाव से धन हानि।
उपाय:तांबे या चांदी का सिक्का बहते पानी में डालें।सार्वजनिक प्याऊ बनवाएं।सिर ढककर रखें (टोपी या पगड़ी से)
सूर्य द्वादश भाव मेंप्रभाव:शुभ: समृद्ध जीवन, सफल व्यापार और बुद्धिमत्ता।अशुभ: बुरे विचार, नींद में खलल, या चोरी का डर।
उपाय:अंधेरे घर और गलत कार्यों से बचें।झूठ या जालसाजी न करें।पक्षियों और बच्चों को आश्रय दें।
उपायों के सामान्य नियमउपाय दिन के उजाले में (सूर्य की उपस्थिति में) करें।पूर्ण प्रभाव के लिए 43 दिनों तक लगातार उपाय करें। यदि रुकावट आए तो फिर से शुरू करें।उपाय शुरू करने से पहले दूध से धुले चावल पास में रखें।ये प्रभाव और उपाय लाल किताब की विशेष व्यावहारिक विधि पर आधारित हैं। सूर्य की शक्ति और अन्य ग्रहों के योग आपके कुंडली में बदलाव ला सकते हैं। यदि आपको और जानकारी चाहिए तो बताएं!